इस्लाम के बारे में 25 रोचक तथ्य ( 25 Interesting Fact About Islam in Hindi)
इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है। आमतौर पर लोग इस्लाम के बारे में सुनी सुनाई बातों पर यकीन कर लेते हैं लेकिन इस्लाम के बारे ऐसे बहुत से रोचक तथ्य हैं जिनके बारे बारे में बहुत से लोग नहीं जानते।
इस्लाम एक मजहब है और जो इस्लाम धर्म को मानता है वह मुसलमान कहलाता है कई बार यह दोनों चीजें एक साथ मिक्स कर दी जाती है तो आइए जानते हैं इसी तरह की कुछ दिलचस्प जानकारियों के बारे में।
1. इस्लाम मतलब है आत्मसमर्पण और शांति
इस्लामिक अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब है आत्मसमर्पण करना आत्मसात करना शांति और शुद्धता। धार्मिक परिप्रेक्ष्य में इसका मतलब ये हैं कि इंसान अपनी सारी इच्छाओं और अपनी ख्वाहिशों का अल्लाह के सामने आत्मसमर्पण कर दे।
2. हज का सफर
हर उस मुसलमान के लिए जो अमीर है और जिसके पास इस्लाम द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप धन है उसके लिए जिंदगी में एक बार हज करना फर्ज है आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हर साल 3 बिलियन से भी अधिक लोग दुनिया भर से हज करने के लिए रवाना होते हैं।3. दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म
ईसाई धर्म के बाद इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है इसके अनुयाइयों की संख्या 2 बिलियन के करीब है। आपको यह जानकर हैरानी होगी इस्लाम धर्म दुनिया का सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है। इस वक़्त दुनिया में 50 से भी अधिक देश ऐसे हैं जहां मुख्य धर्म इस्लाम ही है।4. मुस्लिम 5 वक़्त इबादत करते हैं
नमाज को सलात के नाम से जाना जाता है और हर मुसलमान पर निश्चित समयावधि में पांच वक्त की नमाज पढ़ना फर्ज है। नमाज़ों के नाम निम्नलिखित हैं।- नमाज़े-फ़ज़्र
- नमाज़े-जोहर
- नमाज़े-अस्र
- नमाज़े-मग़रिब
- नमाज़े-इशा
5. क़ुरआन आसमानी किताब है
यहूदियों
की तौरात और ईसाइयों की बाइबल की तरह कुरान भी एक आसमानी किताब है। तौरात
और बाइबिल में समय के साथ तब्दीलियां होती गई लेकिन कुरान में तब्दीली
मुमकिन नहीं क्योंकि इसकी हिफाजत की जिम्मेदारी खुद अल्लाह ने ली है।
कुरान का शाब्दिक अर्थ सस्वर पाठ या तिलावत करना है। कुरान अल्लाह का कलाम है जो वही के द्वारा आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाजिल हुआ। वही को लेकर आने वाले फरिश्ते का नाम जिब्राइल है।
कुरान का शाब्दिक अर्थ सस्वर पाठ या तिलावत करना है। कुरान अल्लाह का कलाम है जो वही के द्वारा आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाजिल हुआ। वही को लेकर आने वाले फरिश्ते का नाम जिब्राइल है।
6. इस्लाम के पांच मूल स्तंभ
- शहादा : अल्लाह पर यकीन लाना
- नमाज़ : हर दिन 5 वक़्त की नमाज़ पढ़ना
- ज़कात : साहिबे निसाब होने पर गरीबों को धन दान देना
- रोज़ा : रमजान के महीने में रोजे रखना
- हज : साहिबे निसाब होने पर ज़िन्दगी में एक बार हज करना
7. जिहाद का मतलब युद्ध करना नहीं
पश्चिमी
मीडिया के जरिया जिहाद को युद्ध के अर्थों में इस्तेमाल किया गया है लेकिन
जिहाद का वास्तविक अर्थ है संघर्ष करना और जद्दोजहद करना। जिहाद शब्द को
कुरान में पवित्र जंग के रूप में कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया गया है।
8. क़ुरआन में कोई तबदीली नहीं हुई
मूसा
और ईसा अलैहिस्सलाम पर नाज़िल की गई किताब तौरेत और इंजील(बाइबिल) में समय
के साथ बहुत तब्दीलियां हुई और वो आज अपनी असल हालत में मौजूद नहीं लेकिन
पुराने कैसी किताब है जिसमें आज तक कोई तब्दीली नहीं हुई और वह उसी हालत
में मौजूद है जैसा कि उसे नाजिल किया गया था।
9. इस्लाम कैलेंडर की शुरुआत 622 ईस्वी में हुई
पश्चिमी
देशों में आमतौर पर लोग साल की शुरुआत जीरो से करते हैं यानी उस वक्त से
जब ईशा अलैहिस्सलाम पैदा हुए। इस्लामिक कैलेंडर 622 ईसवी से शुरू होता है
जिसका मतलब है कि इस वक्त इस्लामिक कैलेंडर का 1441 वां साल चल रहा है।
10. अल्लाह का अरबी भाषा में मतलब ईश्वर है
अरबी
भाषा में अल्लाह का मतलब खुदा या ईश्वर है। ये कोई नया खुदा नहीं है ये
वही खुदा है जिसे इब्राहिम अलैहिस्सलाम मानते थे, जिसे मूसा अलैहिस्सलाम
मानते थे, जिसे ईसा अलैहिस्सलाम मानते थे यानी दुनिया को बनाने वाला वही
अकेला खुदा।
11. औरतों पर जुल्म करने वाला मर्द इस्लाम को मानने वाला नहीं
हजरत
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया "तुम में से बेहतरीन वो है जो
अपनी बीवियों के साथ अच्छा व्यवहार करे" इस्लाम ने सही मायनों में औरतों को
बहुत से अधिकार दिए और जो भी मर्द औरतों पर जुल्म करता है वह अल्लाह और
उसके रसूल की बातों का इनकार करने वाला है।
बहुत से देशों में मर्द औरतों पर जुल्म करते हैं। ऐसा करने वाले कुरान की बातों को ना मानकर अपने कल्चर और संस्कृत की पुरानी और रूढ़िवादी बातों को मानते रहते हैं जिनका इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं।
बहुत से देशों में मर्द औरतों पर जुल्म करते हैं। ऐसा करने वाले कुरान की बातों को ना मानकर अपने कल्चर और संस्कृत की पुरानी और रूढ़िवादी बातों को मानते रहते हैं जिनका इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं।
12. शिया और सुन्नी
इस्लाम को
मानने वाले दो फिरके हैं जिन्हें शिया और सुन्नी के नाम से जाना जाता है।
दुनिया में अधिकतर मुस्लिम आबादी सुन्नी है और सिर्फ 15 परसेंट ही शिया
मकतबे-फिक्र को मानने वाले लोग हैं।
शिया और सुन्नी दोनों कुरान को मानते हैं लेकिन इन दोनों की हदीस को लेकर अलग राय है ( मोहम्मद साहब की कही हुई बातों को हदीस कहते हैं)
शिया और सुन्नी दोनों कुरान को मानते हैं लेकिन इन दोनों की हदीस को लेकर अलग राय है ( मोहम्मद साहब की कही हुई बातों को हदीस कहते हैं)
13. इस्लाम धर्म हर किसी के लिए है
इस्लाम
की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे हर कोई अपना सकता है इसके लिए यह मायने
नहीं रखता कि आपका रंग कैसा है आप किस इलाके से हैं या आप किस कबीले से
ताल्लुक रखते हैं। सच तो यह है कि दुनिया में 15 फीसद मुसलमान ही अरबी नस्ल
के हैं बाकी लोग वो हैं जिन्होंने इस्लाम कुबूल किया है।
14. इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्म सभी इब्राहीम से जुड़े हुए हैं
हिंदुओं
के विभिन्न ईश्वरों से हटकर इब्राहिमी मजहब एक खुदा में यकीन रखते हैं और
यह मानते हैं कि इस दुनिया को बनाने वाला एक ही है। यह तीनों मजहब (इस्लाम,
यहूदी और ईसाई) हजरत इब्राहिम से जुड़े हुए हैं और यहां तक कि वे आदम और
हव्वा भी इसी इब्राहीमी मजहब को मानने वाले थे।
15. कुरान मुसलमानों और गैर मुस्लिमों के बीच सहनशीलता और भाईचारे की शिक्षा देता है
आमतौर
पर लोग मानते हैं कि इस्लाम लोगों को कत्ल करने और जुल्म करने की तालीम
देता है लेकिन इसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है कुरान में अल्लाह ने
एक कत्ल को सारी इंसानियत का कत्ल करार दिया है।
कुरान मुसलमानों को घर मुस्लिमों के खुदाओं के बारे में गलत कहने से भी रोकता है। कुरान का फरमान है कि तुम अगर मुस्लिमों के खुदाओं को बुरा ना कहो कहीं ऐसा ना हो कि वह अनजाने में तुम्हारे खुदा को बुरा कहने लगें।
कुरान मुसलमानों को घर मुस्लिमों के खुदाओं के बारे में गलत कहने से भी रोकता है। कुरान का फरमान है कि तुम अगर मुस्लिमों के खुदाओं को बुरा ना कहो कहीं ऐसा ना हो कि वह अनजाने में तुम्हारे खुदा को बुरा कहने लगें।
इस्लाम के बारे में कुछ और फैक्ट
- मुसलमानों की सबसे बड़ी जनसंख्या इंडोनेशिया में रहती है
- हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को नबी बनाकर भेजा गया उनकी अहमियत है लेकिन वह सिर्फ नबी है और उनकी इबादत नहीं की जा सकती।
- आप सिर्फ ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह कह कर ही इस्लाम को बोल कर सकते हैं इसका मतलब है कि अल्लाह के सिवा कोई पूजने योग्य नहीं और मोहम्मद (सल्ल) उसके रसूल है।
- ईसा अलैहिस्सलाम की मां मरियम ही एक ऐसी अकेली औरत हैं जिनका जिक्र कुरान में किया गया है।
- शराब और सूअर का मांस दोनों ही इस्लाम में प्रतिबंधित हैं।
ईमान के 6 स्तंभ या सुतून
- अल्लाह पर ईमान लाना
- फरिश्तों पर ईमान लाना
- आसमानी किताब पर ईमान लाना
- पैगम्बरों और नबियों पर ईमान लाना
- कयामत के दिन पर ईमान लाना
- तकदीर पर ईमान लाना।
बच्चों के लिए कुछ इस्लामिक रोचक तथ्य
अल्लाह के 99 नाम है और हर नाम का एक खास मतलब है
मक्का एक ऐसी जगह है जहां पर सिर्फ मुसलमानों को ही जाने की इजाजत है।
मस्जिद वो जगह होती है जहां पर भी इबादत की जाती है।
मुसलमान का मतलब होता है जो अपनी ख्वाहिशों और जज्बात को अल्लाह के लिए कुर्बान कर दे।
हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आखिरी पैगंबर है अब उनके पास कोई पैगंबर या सन्देष्टा नहीं आएगा।
मक्का एक ऐसी जगह है जहां पर सिर्फ मुसलमानों को ही जाने की इजाजत है।
मस्जिद वो जगह होती है जहां पर भी इबादत की जाती है।
मुसलमान का मतलब होता है जो अपनी ख्वाहिशों और जज्बात को अल्लाह के लिए कुर्बान कर दे।
हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आखिरी पैगंबर है अब उनके पास कोई पैगंबर या सन्देष्टा नहीं आएगा।
रमज़ान
रमजान
इस्लाम धर्म का एक पवित्र महीना है इस महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं जो
कि इस्लाम के पांच मूलभूत सिद्धांतों में से एक है। हर मुसलमान बालिग मर्द
और औरत पर रोजा रखना फर्ज है हालांकि लंबे सफर, बुढ़ापे और प्रेगनेंसी या
मासिक धर्म में रोजा ना रखने की इजाजत है लेकिन इसकी शर्तों को पूरा करना
होगा।
क्या मुसलमान आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं
इस्लाम
एक सर्वव्यापी धर्म है, इसमें जिंदगी के हर पहलू के बारे में बात की गई है।
इस्लाम किसी भी तरह की कुरीतियों या धर्म जाति और नस्ल के आधार पर किसी को
कत्ल करने की इजाजत नहीं देता। यहां तक कि कुरान में एक इंसान के कत्ल को
पूरी इंसानियत का कत्ल बताया गया है। मुसलमान पर फर्ज है कि वह अपने पड़ोसी
का ख्याल रखें भले ही उसका पड़ोसी गैर मुस्लिम क्यों ना हो, और अगर वो
पड़ोसी परेशानी की हालत में या अन्य दूसरी स्थितियों में मर गया तो इसका
जिम्मेदार वही पड़ोसी मुसलमान होगा जिसने उसकी मदद नहीं की।
इस्लाम और मुसलमान किसी भी तरह के षडयंत्र या आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते यहां तक की इस्लाम ऑनर किलिंग, भ्रूण हत्या और औरतों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपनी बात कहता है और ऐसा करने वालों के लिए इस्लाम में कड़ी सजा का प्रावधान है।
आमतौर पर लोग अज्ञानतावश या इस्लाम की सही शिक्षा को ना जानने की वजह से समझने लगते हैं कि इस्लाम आतंकवाद को बढ़ावा देता है, हालांकि इस्लाम का आतंकवाद से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है क्योंकि इस्लाम का मतलब ही शांति अमन और संयम है।
इस्लाम और मुसलमान किसी भी तरह के षडयंत्र या आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते यहां तक की इस्लाम ऑनर किलिंग, भ्रूण हत्या और औरतों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपनी बात कहता है और ऐसा करने वालों के लिए इस्लाम में कड़ी सजा का प्रावधान है।
आमतौर पर लोग अज्ञानतावश या इस्लाम की सही शिक्षा को ना जानने की वजह से समझने लगते हैं कि इस्लाम आतंकवाद को बढ़ावा देता है, हालांकि इस्लाम का आतंकवाद से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है क्योंकि इस्लाम का मतलब ही शांति अमन और संयम है।
इस्लामिक शब्दावली
अगर
आप इस्लाम से संबंधित रोचक तथ्यों के बारे में जानना चाहते हैं उसके लिए
आपको इस्लाम में प्रचलित शब्दावली को जानना बहुत जरूरी है।
- हलाल = जिसकी इजाजत दी गई हो, फायदेमंद, सम्माननीय, अच्छा, कीमती
- हराम = प्रतिबंधित
- सूरह = पवित्र क़ुरआन में अध्याय
- अल्लाह = ईश्वर
- क़ुरआन = पवित्र आसमानी पुस्तक
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