सोने और जागने की दुआएँ | Sone Aur Jagne Ki Dua in Hindi
🛌 सोने की दुआ
اللَّهُمَّ بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَا
Transliteration: अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमुतु वा अहया
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! मैं तेरे नाम से मरता (सोता) और ज़िंदा होता (जागता) हूँ।
🌞 जागने की दुआ
الْحَمْدُ للهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا وَإِلَيْهِ النُّشُورُ
Transliteration: अल-हम्दु लिल्लाहि अल-लज़ी अहयाना बादमा अमाताना, वा इलैहिन-नुशूर
तर्जुमा: तमाम तारीफ अल्लाह के लिए है जिसने हमें मरने (सोने) के बाद ज़िंदा किया और उसी की तरफ लौट कर जाना है।
📘 सोने से पहले पढ़ने की सुन्नत सूरह
- सूरह सज्दह और सूरह मुल्क ➤ रसूलुल्लाह ﷺ रोज़ सोने से पहले इन्हें पढ़ते थे।
- फज़ीलत: सूरह मुल्क, पढ़ने वाले की सिफारिश करेगी और कब्र के अज़ाब से बचाएगी।
🕋 सूरह काफ़िरून:
रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया ये सूरह पढ़ने से शिर्क से बरात मिलती है।
🌙 सूरह इख़्लास, फलक और नास:
रसूलुल्लाह ﷺ तीनों सूरह पढ़ कर दोनों हथेलियों में फूँक मारते और पूरे जिस्म पर फेरते थे। ये अमल तीन बार करते थे।
📖 मस्नून आयतें (सुन्नत)
- आयतुल कुर्सी: सोने से पहले पढ़ने से अल्लाह की हिफाज़त रहती है और शैतान करीब नहीं आता।
- सूरह बकरा की आखरी 2 आयतें (आमनर्रसूल...): हर बला से महफूज़ रखने के लिए काफी होती हैं।
💎 तस्बीह फातिमा (हर रात सोने से पहले)
- सुब्हानल्लाह – 33 बार
- अल्हम्दुलिल्लाह – 33 बार
- अल्लाहु अकबर – 34 बार
फज़ीलत: रसूलुल्लाह ﷺ ने कहा यह तस्बीह एक खादिमा से बेहतर है।
No comments